• Teena Shekhawat
    Teena Shekhawat
03

The fucking session

  • 17 Jun, 2025 · Mature

कहते हुए वो बेशर्मी से मुस्कुराते हुए अवनी को देख रहा था ।उसकी लास्ट लाइन सुनकर अवनी एकदम से स्पीचलेस हो गई लेकिन अगले ही पल वो गुस्से ओर शर्म के मिले जुले भावों से बोली ," आई कांट बिलीव युवांश की आप इतने ज्यादा बेशर्म हो। कुछ तो शर्म करो आप दो बच्चों के बाप बन गए हो । मेरे साथ इतना सब करने के बाद भी इतना नॉर्मल बिहेव कैसे कर सकते हो ?"

ये सब कहते हुए वो बुरी तरह युवांश को घूर रही थी ।

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Teena Shekhawat

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    Reborn to burn again

    मुंबई रात 8 बजे एक घना जंगल जहा दूर दूर तक कोई नजर नहीं आ रहा था। उसी जंगल के बीच बनी एक पुरानी हवेली जिसकी हालत कुछ ठीक नहीं थी । उसकी पुरानी  दीवारों से चुना झड़ रहा था और धूल मिट्टी की एक मोटी लेयर उसकी दीवारों पर जमी हुई थी जिसे देखकर साफ पता चल रहा था कि वो हवेली सालों से बंद है । उसमें कोई नहीं रहता है । तभी उस हवेली के अंदर से किसी की दिल दहला देने वाली चीख दीवारों को चीरते हुए उस सुनसान जगह गूंज उठी । वो चीख इतनी भयानक थी जिसे सुनकर एक पल के लिए किसी की भी रूह कांप जाए । हवेली के अंदर हॉल में सारा समान इधर उधर बिखरा पड़ा था ओर फर्श पर कई जगह खून के धब्बे गिरे पड़े थे । वही सीढ़ियों के पास एक लड़की अधमरी हालत में पड़ी थी ।उसके सर से खून रिस रिसते हुए फर्श पर गिर रहा था जिस वजह से खून की पतली सी परत फर्श पर बह रही थी।  उस लड़की के शरीर पर जगह जगह चोटों के निशान थे जो कई ताजा थे और कई पुराने लेकिन इन सबके बावजूद भी उसका चेहरा बेहद खूबसूरत था । उसकी लोवर बॉडी से बेहतांशा खून बह रहा था।  तभी उसके कानो में किसी की आवाज पड़ी ," चू चू मेरी प्यारी बहना तुझे इस कंडीशन में देखकर सच में मेरा दिल दर्द से फट रहा है। मैं ऐसा कुछ करना नहीं चाहती थी लेकिन तुमने मुझे मजबूर किया । यू नो व्हाट तुझे वापस रायचंद फैमिली में लौटना ही नहीं चाहिए था ।अगर तू वापस नहीं आती तो आज तेरी ये हालत नहीं होती। बेचारी क्या से क्या हो गई ।" इस आवाज को सुनकर फर्श पर पड़ी लड़की जिसकी age 19 या 20 साल होगी ,उसने हल्की सी आँखें खोलकर अपने सामने देखा जहा एक लड़की जिसकी हाइट 5 फुट 3 इंच थी । शॉर्ट ड्रेस पहने वो बड़ी स्टाइल के साथ ,चेहरे पर जहरीली मुस्कान लिए अपने सामने पड़ी सौतेली बहन को देख रही थी । कहने को फर्श पर पड़ी लड़की रायचंद फैमिली की बड़ी बेटी थी लेकिन सिर्फ दुनिया की नजर में जबकि असल में रायचंद फैमिली में उसके दादा दादी के अलावा कोई पसंद नहीं करता था । अद्विका एक सिंपल सी मासूम लड़की थी जिसे सिर्फ अपनों का प्यार चाहिए था लेकिन इस अपनेपन की ख्वाहिश रखना ही आज उसकी जिंदगी की सबसे बड़ी गलती बन गया । अद्विका आंखों में दर्द और चेहरे पर तकलीफ लिए अपनी छोटी बहन को देख रही थी । वो रुंधे गले से बोली ," रूही तुम क्यों कर रही हो ये सब ? तुम्हारे पास ऑलरेडी सबकुछ तो है फिर मुझे मारकर तुम्हे क्या मिलेगा ? मॉम , डैड ,भाई ,चाचा ,चाची सब तो तुम्हे प्यार करते है फिर क्या चाहिए तुम्हे ?" ये सुनकर रूही ने गुस्से में कहा ," हा वो सबकुछ मेरा था लेकिन तुम्हारे आने के बाद मेरा सबकुछ बट गया । तुम्हारी ये खूबसूरती जो हमेशा मुझे तुम्हारे सामने फीका दिखाती है । तुम्हारा बड़ा होने का हक जो पूरी दुनिया के सामने मुझे ऊपर नहीं उठने दे रहा है। बेशक घर में कोई भी तुम्हे पसंद नहीं करता है लेकिन तुम्हारे वो बुड्ढा दादा ओर दादी के होते हुए तुम्हारे हिस्से की प्रॉपर्टी मेरे नाम नहीं हो सकती है और सबसे बड़ी चीज तुम्हारी वो फार्मा कंपनी जिसे रणविजय रायचंद ने तुम्हारे नाम कर दिया है , उस पर सिर्फ मेरा हक था लेकिन कोई बात नहीं तुम्हारे मरने के बाद तुम्हारी वो कंपनी मेरे नाम हो जाएगी और वैसे भी तुम पेसो का क्या करोगी ? तुम्हारे पेसो पर तो वैसे भी मैं ही ऐश करती हु ओर तुम्हारे मरने के बाद भी सबकुछ मेरा ही होने वाला है ।" बोलकर वो पागलों की तरह हसने लगी । उसकी बाते सुनकर अद्विका की आंखों से आंसू गिरने लगे । वो कितनी बेवकूफ थी जिसने रूही जैसी मतलबी लड़की को अपनी बहन से भी बढ़कर माना ।उसके नाम पर अपनी हर एक चीज कर दी। अद्विका टैलेंड बिजनेस माइंडेड लड़की थी। रणविजय रायचंद ने अद्विका के नाम अपनी एक कंपनी की थी जिसे अद्विका ने कुछ ही महीनों में सफलता की ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया । उसकी तरक्की देखकर जहां हर कोई हैरान था वहीं रूही ओर उसकी मॉम कनिका रायचंद के दिलों में उसके लिए नफरत ओर भी ज्यादा बढ़ गई । अद्विका की मॉम जब वो चार साल की थी तभी गुजर गई थी और उसकी वजह थे अद्विका के डैड । लेकिन फिर भी अद्विका हमेशा फैमिली का प्यार पाना चाहती थी। उसे लगता था कि एक ना एक दिन सब उसे एक्सेप्ट कर ही लेंगे और रूही की तरह ही उसके मॉम,डैड भाई ओर अंकल आंटी सब उससे प्यार करेंगी लेकिन उसे नहीं पता था कि उसके ये प्यार पाने की इच्छा उसकी मौत की वजह बन जाएगी । अद्विका की 18 साल की age में ही शादी हो चुकी थी और वो भी एशिया के नंबर वन बिजनेस मेन प्रखर ग्रोवर के साथ ।  अद्विका प्रखर को पहली ही नजर में पसंद आ गई थी और वो उससे शादी करना चाहता था लेकिन रायचंद फैमिली प्रखर की शादी रूही से करवानी चाहती थी । लेकिन प्रखर के सामने किसी की नहीं चलती थी इसलिए रायचंद फैमिली के पास अद्विका की शादी प्रखर से करने के अलावा ओर कोई ऑप्शन नहीं था । इसी वजह से रूही ओर कनिका की नफरत अद्विका के लिए ओर भी ज्यादा बढ़ गई थी । अद्विका भी प्रखर के साथ खुश थी लेकिन उसकी ये खुशी ज्यादा नहीं टिक पाई । प्रखर ने उसका बाहर जाना बंद कर दिया था । अद्विका इसमें भी खुश थी उसे लगता था कि प्रखर उससे प्यार करता है और वो उसके लिए बहुत ज्यादा पजेसिव है इसलिए उसे घर से बाहर नहीं जाने देता है । धीरे धीरे समय बीतता गया ओर अब प्रखर बहुत कम घर आता है और घर आता भी था तो सिर्फ अपनी बॉडी नीड्स को पूरा करने के लिए । वो अद्विका के साथ फिजिकल होता था ओर उसके बाद वापस चला जाता था। एक दिन अद्विका को पता चला कि वो प्रेगनेट है और ये न्यूज सुनकर वो बहुत ज्यादा खुश हो गई ।वो अपनी प्रेग्नेंसी की न्यूज जल्द से जल्द प्रखर को सुनाना चाहती थी ।उसने प्रखर को कॉल किए थे लेकिन उसने एक बार भी अद्विका का कॉल पिक नहीं किया । वो घर पर रहकर ही प्रखर के आने का वेट करती थी और इसी बीच अद्विका को एक दिन रायचंद फैमिली से कॉल आया कि रणविजय जी की तबियत खराब है और वो उससे मिलना चाहते है । ये न्यूज सुनकर अद्विका रणविजय से मिलने रायचंद मेंशन चली गई ओर वही रूही को अद्विका की प्रेग्नेंसी की बात पता चली जिसे सुनकर वो गुस्से से पागल हो गई ओर इसी पागलपन के चलते उसने अद्विका को पिछले दस दिनों से इस हवेली में कैद करके रखा हुआ था । रूही ने इन दस दिनों में अद्विका को इतना टॉर्चर किया था कि उसका मिसकैरेज हो गया । अद्विका अब पूरी तरह से टूट गई थी । रूही चलते हुए अद्विका के पास आई ओर उसके पेट पर जोर से लात मारते हुए बोली ," यू नो व्हाट प्यारी दीदी तुम्हारे आने से पहले मैं पूरी दुनिया के सामने रायचंद फैमिली की शहजादी थी लेकिन तुम्हारे आने के बाद मेरा रुतबा कम हो गया । तुमने मुझसे मेरा प्रखर छीन लिया ओर ये बच्चा तुम्हारे पेट में नहीं मेरे पेट में होना चाहिए था लेकिन कोई बात नहीं अब तुम्हारे साथ तुम्हारे ये बच्चा भी मरेगा ओर इसके बाद प्रखर हमेशा के लिए मेरा हो जाएगा । वैसे भी वो तुम्हे पसंद नहीं करता है ।उसे सिर्फ तुम्हारे इस बदन से प्यार था इसलिए ही तो देखो पिछले दस दिनों से तुम गायब हो फिर भी उसने तुम्हे ढूंढने की कोशिश नहीं की ।" बोलकर वो फिर से हसने लगी । वही अद्विका दर्द में तड़प रही थी ।उसे अपने पेट में असहनीय दर्द हो रहा था। इस वक्त उसे खुद पर ही गुस्सा आ रहा था कि उसने एक ऐसे इंसान से प्यार किया जिसे उसकी जरा सी भी परवाह नहीं है। अब अद्विका की आंखों में गुस्सा ओर बेदर्दी रह गई थी । उसने ऐसे लोगों को अपना माना जो कभी अपने थे ही नहीं।  तभी रूही ने अपने आदमियों की तरफ देखा ओर मुस्कुराते हुए बोली ," इसे ठिकाने लगा देना ओर अगर इसके साथ एंजॉय करना है तो तुम सबको फूल परमिशन है । वैसे भी ये जवाब है ,खूबसूरत है । तुम सब अच्छे से सेटिस्फाई होंगे ।" बोलकर उसने एक नजर अद्विका को देखा ओर फिर हवेली से बाहर निकल गई । तभी रूही डोर के पास आकर रूकी और सर घुमा अपने आदमियों की तरफ देखकर फिर से बोली ," मजे करने के बाद इस पूरी हवेली को जला देना । अपने नाना की हवेली में जलकर उसकी आत्मा को शांति मिल जाएगी ।" बोलकर वो हसने लगी और हस्ते हुए वहां से निकल गई । रूही के जाने के बाद उसके आदमी हवस भरी नजरो से अद्विका को ऊपर से नीचे तक देख रहे थे। उसके खूबसूरत जिस्म को देखकर उनके अंदर का जानवर जाग गया । वो सब अद्विका की तरफ बढ़ने लगे । अद्विका डरी सहमी नजरो से उन सबको देख रही थी ।वो उनके सामने गिड़गिड़ाए हुए बोली ," मेरे पास मत आना । प्लीज मुझे छोड़ दो ।तुम सब मेरे पति को नहीं जानते हो ।अगर उन्हें पता चला तो वो तुम सबको जिंदा नहीं छोड़ेंगे ।" कहते हुए वो पीछे कि तरफ सरकने लगी । तभी एक आदमी उसके पास आया ओर उसके साड़ी के पल्लू को पकड़ते हुए हंसकर बोला ," तेरा पति हमे कुछ नहीं करेगा ।उसे तुझसे कोई मतलब ही नहीं है । अब चल हमे भी तेरी इस जवानी की रसमलाई का स्वाद चखने दे ।" बोलते हुए उसने अद्विका के सीने से पल्लू को खींचकर साइड में फेंक दिया । अद्विका की जोर की चीख निकल गई ।वो अपनी पूरी ताकत लगाकर उठी ओर भागते हुए किचन में चली गई । वही उसे भागता देखकर सारे गुंडे पहले हैरान रह गए लेकिन फिर वो जोर से हसने लगे और हंसते हुए किचन की तरफ जाने लगे । उन्हें अपनी तरफ आता देखकर अद्विका के फेस पर गहरी स्माइल आ गई । उसे अचानक से मुस्कुराता देखकर उन सब गुंडों के माथे पर बल पड़ गया । तभी अद्विका ने गैस सिलेंडर की नलकी को खोला और अगले ही पल पूरे किचन में गैस ही गैस फेल गई । जिसे देखकर वो सब गुंडे डर गए क्योंकि अब अद्विका के हाथ में माचिस थी । अद्विका को मरना मंजूर था लेकिन अपने इज्जत के साथ सौदा करना नहीं । तभी उन गुंडों का हेड चिल्लाते हुए बोला ," ये लड़की पागल हो गई है ।भागो यहां से वरना ये अपने साथ हमे भी जला देगी ।" बोलते हुए वो सब बाहर की तरफ भागने लगे । अभी वो सब दो कदम ही चले थे तभी एक तेज धमाका हुआ और आग की लपटे चारो तरफ फैल गई । किचन में रखा सिलेंडर फट चुका था ओर अद्विका आग की लपटों में घिरती हुई जल रही थी ।उसकी दर्द भरी चीखे हवेली के हर कोनों में गूंजने लगी।वही वो सब आदमी भी आग की लपटों में जल रहे थे ।कुछ देर बाद सारी हवेली में आग लग गई ओर अंधेरी रात में उस आग की पीली रोशनी पूरे जंगल में फैल गई । क्या यही अद्विका का अंत है या फिर होगा कुछ ओर जानने के लिए पढ़ते रहिए " Reborn to born again"  Readers अगर चैप्टर पसंद आए तो प्लीज लाइक , कमेंट एंड शेयर कर देना ओर जिसने अभी तक मेरे WhatsApp channel को फोलो नहीं किया है वो कर लो । https://whatsapp.com/channel/0029VaeWKLi1Hsq4n2gMbv1k

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    दर्द भरी चीखें/इशानी का डिसीजन एक बड़ा सा कमरा जो पूरी तरह अंधेरे में डूबा हुआ था।  विंडो से आती हल्की सी धूप कमरे में पड़ रही थी जिससे कमरे के अंदर का कुछ हिस्सा दिखाई दे रहा था । कमरे के बीच में एक छोटा सा बेड जिस पर सिर्फ एक आदमी ही सो सकता था। उस बेड के पास एक खूबसूरत सी लड़की बेड के किनारे पर सर रखे आंखे बंद किए लेटी हुई थी।  घनी बड़ी बड़ी पलके , छोटी सी नाक , सुर्ख गुलाबी होंठ , लंबे घने बाल जिनकी कुछ लटे उसके चेहरे पर आ रही थी।  उसकी पलको के नीचे एक छोटी सी आंसू की बूंद किसी मोती की तरह चमक रही थी और उसके खूबसूरत गालों पर आंसुओ के दाग ऐसे बने हुए थे जैसे चांद में दाग । तभी उस रूम का डोर ओपन हुआ और किसी के हाइ हिल्स की टक टक की आवाज बेड के पास नीचे फर्श पर बैठी लड़की के कानो में पड़ी । जिसे सुनते ही उस लड़की का छोटा सा चेहरा डर से कांप गया ओर उसने तुंरत अपनी आंखे खोलकर सामने देखा जहा एक खूबसूरत सी लड़की जिसने ब्लैक शॉर्ट पहनी थी और चेहरे पर खूब सारा मेकअप किए वो स्टाइल से खड़ी उसे ही देख रही थी । तभी वो लड़की हल्का सा नीचे झुकी और उस फर्श पर बैठी लड़की का जबड़ा पकड़ते हुए गुस्से से बोली ," महारानी की तरह अभी तक सो रही हो तुम । घर का काम कौन तेरा मरा हुआ बाप करेगा या तुझ जैसी मनहूस को पैदा करने वाली तुम्हारी मां करेगी।" ये कहते हुए उसकी पकड़ उस लड़की के जबड़े पर बेहद कसी हुई थी । " आह्ह्ह्ह " उस लड़की ने दर्द में सिसकते हुए कहा ओर  अपने पास खड़ी लड़की का हाथ पकड़ लिया । उसने बड़ी मुश्किल से अपनी कांपती आवाज में कहा ," रिया ……मैम प्लीज छोड़िए …… दर्द हो रहा है ।" ये कहते हुए उसने बड़ी मुश्किल से रिया का हाथ अपने जबड़े से दूर झटक दिया और गहरी गहरी सांसे लेने लगी । वही उस लड़की के हाथ झटकते ही रिया का चेहरा गुस्से से कांप उठा। दूसरे ही पल उसने खींच के एक थप्पड़ उस लड़की के गाल पर जड़ते हुए कहा ," बदतमीज तेरी इतनी हिम्मत जो तुमने रिया मल्होत्रा ओर राठौर खानदान की फ्यूचर बहु का हाथ झटका ! रुक तुझे तो अभी बताती हु ।" ये कहते हुए उसने गुस्से से इधर उधर देखा ओर तभी उसकी नजरे एक छोटी सी अलमारी में रखे लेदर के बेल्ट पर पड़ी । जिसे देखते ही रिया के चेहरे पर डेविल स्माइल आ गई। उसने एक नजर उस लड़की को देखा जो अपने गाल पर हाथ रखे रो रही थी और फिर सीधा उस अलमारी की तरफ बढ़ गई । उसने अपने हाथ वो बेल्ट उठाई और फिर वापस उस लड़की के पास आ गई । उसने बेल्ट के फीते को अपने हाथ में लपेटते हुए उस लड़की की तरफ देखकर कहा ," लगता है आजकल इशानी मैडम के कुछ ज्यादा ही पंख निकल आए है । रुको अभी तुम्हारे पंखों को तोड़कर तुम्हे जमीन पर पटकती हु ।" ये सुनते ही वो लड़की जिसका नाम इशानी था। उसने आंखे खोलकर तुरंत रिया को देखा ओर उसके हाथ में बेल्ट देखकर उसका चेहरा डर से पीला पड़ गया । वो अपनी जगह से पीछे खिसकते हुए रुंधी आवाज में बोली ,"मैम ये आप क्या कर रही है ? प्लीज मुझे इससे मत मारना। मैं प्रेगनेट हु ओर अगर आपने मुझे मारा तो फिर त्रियांश सर आपको नहीं छोड़ेंगे ।" ये कहते हुए वो सहमी हुई नजरो से रिया के हाथ में पकड़े बेल्ट को देख रही थी । ये सुनते ही रिया एक पल के लिए रुक गई लेकिन दूसरे ही पल उसने जोर से हंसते हुए कहा ," हा हा तुम्हे क्या लगा ? मैं इतनी बेवकूफ हूं जो त्रियांश राठौर के बच्चे को मारने की सोचूंगी । यू नो व्हाट इशानी तुम इतनी बेवकूफ हो कि कभी किसी को समझ ही नहीं पाती हो  । त्रियांश को सिर्फ तुमसे ये बच्चा चाहिए जो तुम्हारे पेट में है और मुझे त्रियांश ओर त्रियांश को पाने के लिए मेरी चाबी बनेगा तुम्हारा बच्चा क्योंकि एक बच्चे को मां की जरूरत होती है और इसकी मां बनूंगी मैं बट डोंट वरी मैं तुम्हारे इस बच्चे को ज्यादा दिन नहीं संभालुंगी! बस एक बार मेरी शादी त्रियांश से हो जाए उसके बाद देखना मैं इस बच्चे को कैसे इस दुनिया से अलविदा करती हु और वो भी बेदर्दी से इसका मौत का सेज सजाकर ।" ये कहकर वो जोर से हसने लगी । वही उसकी बात सुनकर इशानी की आंखे आंसुओ से डगमगा गई ओर उसका एक हाथ अपने पेट पर आ गया । इशानी टू मंथ्स प्रेगनेट थी और इसके पेट में पलने वाला बच्चा एशिया के नंबर वन बिजनेस टायकून त्रियांश राठौर का था । त्रियांश ओर रिया अभी एक दूसरे को डेट कर रहे है । रिया त्रियांश की गर्लफ्रेंड थी और वो जल्द ही शादी करने वाले थे लेकिन उनके बीच में इशानी गई। त्रियांश नशे की हालत में इशानी से  हो गया था और उसके बाद इशानी के प्रगनेट होने की न्यूज उसे पता चली । इसलिए उसने इशानी से एक साल के लिए कॉन्ट्रेक्ट मैरिज कर ली । इशानी की डिलीवरी के बाद उसका बच्चा त्रियांश का हो जाएगा ओर उसे हमेशा के लिए अपने बच्चे को छोड़कर इंडिया से बाहर जाना होगा ।" ये उनके कॉन्ट्रेक्ट की सबसे मेन शर्त थी । इशानी के पास इस शर्त को मानने के अलावा ओर कोई ऑप्शन नहीं था । वो एक अनाथ लड़की थी जो त्रियांश जैसे अमीर आदमी का सामना नहीं कर सकती है इसलिए इशानी ने त्रियांश की शर्त मान ली थी। इशानी पिछले दो महीने से इसी कमरे में बंद है। उसका खाना, ट्रीटमेंट दवाइयां सबकुछ इसी कमरे में आते है लेकिन ये सब त्रियांश के सामने होता है वाली उसके ऑफिस जाने के बाद इशानी से पूरे घर का काम करवाया जाता है और छोटी सी गलती करने पर भी सब उस पर हाथ उठा देते है । त्रियांश ने इशानी के बदन पर चोटों के निशान देखे थे लेकिन उसे उनसे कोई फर्क नहीं पड़ा और नहीं उसने कभी इशानी से पूछा कि ये सब किसने किया है। ?  चलिए अब आते है कहानी पर रिया हंसते हुए अपने हाथ में बेल्ट की नोक को लपेट रही थी । उसके कदम लगातार इशानी की तरफ बढ़ रहे थे और तभी अचानक उस पुरे कमरे में इशानी की चीख गूंज उठी । इशानी पेट के बल फर्श पर लेटी हुई थी वहीं रिया बेदर्दो की तरह उसकी पीठ पर बेल्ट से मार रही थी।  इशानी की दर्द भरी चीखे सुनकर रिया ने जोर से हंसते हुए कहा ," ओर चीखों इशानी तुम्हारी चीखे मेरे कानो को पियानो की धुन की तरह सुकून दे रही है ।" ये कहते हुए वो ओर ज्यादा जोर से इशानी की पीठ पर बेल्ट से मारने लगी। इधर लिविंग हॉल में बैठी एक औरत जिसने महंगी बनारसी साड़ी पहनी थी । उसने ऊपर से नीचे महंगी ज्वेलरी और भर भरके मेकअप किया हुआ था । वो अपने हाथ में मौजूद आई पैड की स्क्रीन को देखते हुए कॉफी पी रही थी लेकिन तभी उसके कानो में इशानी के चीखों की आवाज पड़ी । जिसे सुनते ही उसके मुंह की कॉफी एकदम से मुंह से बाहर आ गई ओर उसने तुंरत उस डायरेक्शन में देखा जहा से चीखने की आवाज आ रही थी । " ये लड़की अब क्या कर रही है ? त्रियांश के आने का वक्त हो गया है और ये लड़की अब उस मनहूश को मार रही है । अगर त्रियांश ने देख लिया तो पता नहीं रिया के साथ क्या करेगा ? मुझे रोकना वरना वरना इतने दिनो की मेहनत बर्बाद हो जाएगी ।" ये कहते हुए उसने टिश्यू से अपना मुंह पर अपनी साड़ी पर गिरे कुछ कॉफी के छींटों को दूर किया ओर जल्दी से खड़ी होकर उस रूम की तरफ बढ़ गई जहां से इशानी के चीखने की आवाज आ रही थी । वो औरत जो त्रियांश की बुआ मिसेज अद्विका रायचंद थी ,वो जल्दी से इशानी के कमरे में आई ओर सामने का नजारा देखकर उसके कदम वही रुक गए । सामने इशानी अधमरी हालत में बेजान सी फर्श पर पड़ी हुई थी। उसने सिंपल से साड़ी पहनी थी। उसका पल्लू पीछे से सरक गया था और उसका ब्लाउज भी रिया के मारने से फट चुका था जिससे उसकी पूरी गोरी पीठ खून के लाल रंग से सन चुकी थी । इशानी की पूरी पीठ पर बेल्ट के निशान छप चुके थे और उनमें से खून रिस रहा था ।इशानी की आंखे ऑलमोस्ट बंद हो चुकी थी । तभी रिया ने एक बार फिर इशानी को मारने के लिए अपना हाथ ऊपर की तरफ उठाया लेकिन तभी पीछे से किसी ने बेल्ट को पकड़ लिया । रिया के हाथ रुक गए ओर अचानक ही उसका चेहरा डर से पीला पड़ गया । " त्रियांश " रिया ने कांपती हुई आवाज में कहा ओर फिर हल्का सा सर घुमा अपने पीछे खड़े शख्स को देखा जो अद्विका थी । आध्विका को देखकर एक पल के लिए रिया चौंक गई लेकिन दूसरे ही पल उसने एक राहत की सांस लेते हुए कहा ," थैंक गॉड बुआ आप थी वरना मुझे लगा कि त्रियांश है ।" तभी अद्विका ने उसकी बात बीच में काटते हुए गुस्से से कहा ," ये तुम क्या कर रही थी रिया ? तुम्हे पता है ना इशानी प्रेगनेट है और अगर तुम्हारी वजह से उसके बच्चे को कुछ हो गया तो त्रियांश तुम्हे जिंदा नहीं छोड़ेगा। इशानी को अभी अभी थर्ड मंथ्स शुरू हुआ है और ऐसे में उसका मिस्केरेज भी हो सकता है । मैने तुमसे कितनी बार कहा है कि एक बार इस मनहूस की डिलीवरी हो जाने दो इसके बाद तुम्हे इसके साथ जो करना है कर लेना लेकिन अभी कुछ मत करो ।" ये कहते हुए उसने रिया के हाथ से बेल्ट छीनकर नीचे फेंक दिया और इशानी की तरफ देखने लगी । उनकी बात सुनकर रिया ने बोरियत भरे लहजे में कहा ," इसके बच्चे को कुछ नहीं होगा ।ये बच्चा भी इसी की तरह ढीठ है जो इतनी आसानी से मेरा पीछा नहीं छोड़ने वाला है ।" ये सुनते ही अद्विका ने गुस्से से उसे देखते हुए दांत पिसकर कहा ," तुम्हे समझाने का कोई फायदा नहीं है । तुम चलो यहां से त्रियांश आता ही होगा ।अगर उसने तुम्हे यहां देख लिया ना तो लेने के देने पड़ जाएंगे ।" ये कहते हुए वो रिया को जबरदस्ती अपने साथ खींचते हुए बाहर ले गई ओर इशानी के कमरे का दरवाजा बाहर से बंद कर दिया । एक बार फिर इशानी का कमरा उसकी जिंदगी की तरह गहरे अंधेरे में डूब गया ।    इशानी अपनी धुंधली आंखों से चुपचाप सामने की वॉल की तरफ देख रही जहा एक छोटी सी मातारानी की मूर्ति वॉल में लगे पत्थर पर रखी हुई थी । हालांकि कमरे में अंधेरा था जिससे कुछ भी क्लियर नजर नहीं आ रहा था लेकिन इशानी पिछले दो महीने से इसी अंधेरे कमरे में रह रही थी इसलिए उसे इस अंधेरे में देखने की आदत हो चुकी थी । इशानी की नजरे मातारानी की मूर्ति पर ठहरी हुई थी । वो उनसे बहुत कुछ कहना चाहती थी , बहुत सी शिकायतें करने चाहती थी लेकिन उसमें इतनी हिम्मत नहीं थी कि वो कुछ भी बोल सके।  उसकी आंखों के कोनो से आंसू बहते हुए फर्श पर गिर रहे थे । कुछ देर बाद इशानी बहुत मुश्किल से खुद को संभालकर खड़ी हुई और लड़खड़ाते कदमों से वॉशरूम में चली गई ।उसके आंसू सुख चुके थे और चेहरे पर कोई इमोशन नहीं थे । इशानी वॉशरूम में मिरर के सामने खड़ी चुपचाप खुद के अक्ष को देख रही थी । उसकी खूबसूरत आंखों के नीचे बड़े बड़े काले गड्ढे थे। गालों पर थप्पड़ के निशान और वो बहुत दुबली पतली सी थी । खुद को देखते हुए इशानी की आंखों में फिर से आंसू छलक आए उसने अपने पेट पर अपना एक हाथ रखकर रुंधे गले से कहा ," बेबी प्लीज मुझे माफ कर देना।  मैं आपको इन सबसे नहीं बचा पा रही हु लेकिन मैं आपको इन जालिमों के पास नहीं रहने दूंगी फिर चाहे मुझे खुद को खत्म ही क्यों नहीं करना पड़े ? अगर आप इन सबके पास रहे तो ये सब आपको भी नहीं जीने देंगे इससे अच्छा आप इस दुनिया में आओ ही नहीं ।" ये कहते हुए उसके गालों पर आंसुओ की बूंदे लुढ़क आई । क्या करने वाली है इशानी ? क्या वो सच में खुद के बच्चे को खत्म कर देगी या फिर एक बार फिर वो इस दलदल में फंस जाएगी । जानने के लिए पढ़ते रहिए   

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