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Teena Shekhawat

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    दर्द भरी चीखें/इशानी का डिसीजन एक बड़ा सा कमरा जो पूरी तरह अंधेरे में डूबा हुआ था।  विंडो से आती हल्की सी धूप कमरे में पड़ रही थी जिससे कमरे के अंदर का कुछ हिस्सा दिखाई दे रहा था । कमरे के बीच में एक छोटा सा बेड जिस पर सिर्फ एक आदमी ही सो सकता था। उस बेड के पास एक खूबसूरत सी लड़की बेड के किनारे पर सर रखे आंखे बंद किए लेटी हुई थी।  घनी बड़ी बड़ी पलके , छोटी सी नाक , सुर्ख गुलाबी होंठ , लंबे घने बाल जिनकी कुछ लटे उसके चेहरे पर आ रही थी।  उसकी पलको के नीचे एक छोटी सी आंसू की बूंद किसी मोती की तरह चमक रही थी और उसके खूबसूरत गालों पर आंसुओ के दाग ऐसे बने हुए थे जैसे चांद में दाग । तभी उस रूम का डोर ओपन हुआ और किसी के हाइ हिल्स की टक टक की आवाज बेड के पास नीचे फर्श पर बैठी लड़की के कानो में पड़ी । जिसे सुनते ही उस लड़की का छोटा सा चेहरा डर से कांप गया ओर उसने तुंरत अपनी आंखे खोलकर सामने देखा जहा एक खूबसूरत सी लड़की जिसने ब्लैक शॉर्ट पहनी थी और चेहरे पर खूब सारा मेकअप किए वो स्टाइल से खड़ी उसे ही देख रही थी । तभी वो लड़की हल्का सा नीचे झुकी और उस फर्श पर बैठी लड़की का जबड़ा पकड़ते हुए गुस्से से बोली ," महारानी की तरह अभी तक सो रही हो तुम । घर का काम कौन तेरा मरा हुआ बाप करेगा या तुझ जैसी मनहूस को पैदा करने वाली तुम्हारी मां करेगी।" ये कहते हुए उसकी पकड़ उस लड़की के जबड़े पर बेहद कसी हुई थी । " आह्ह्ह्ह " उस लड़की ने दर्द में सिसकते हुए कहा ओर  अपने पास खड़ी लड़की का हाथ पकड़ लिया । उसने बड़ी मुश्किल से अपनी कांपती आवाज में कहा ," रिया ……मैम प्लीज छोड़िए …… दर्द हो रहा है ।" ये कहते हुए उसने बड़ी मुश्किल से रिया का हाथ अपने जबड़े से दूर झटक दिया और गहरी गहरी सांसे लेने लगी । वही उस लड़की के हाथ झटकते ही रिया का चेहरा गुस्से से कांप उठा। दूसरे ही पल उसने खींच के एक थप्पड़ उस लड़की के गाल पर जड़ते हुए कहा ," बदतमीज तेरी इतनी हिम्मत जो तुमने रिया मल्होत्रा ओर राठौर खानदान की फ्यूचर बहु का हाथ झटका ! रुक तुझे तो अभी बताती हु ।" ये कहते हुए उसने गुस्से से इधर उधर देखा ओर तभी उसकी नजरे एक छोटी सी अलमारी में रखे लेदर के बेल्ट पर पड़ी । जिसे देखते ही रिया के चेहरे पर डेविल स्माइल आ गई। उसने एक नजर उस लड़की को देखा जो अपने गाल पर हाथ रखे रो रही थी और फिर सीधा उस अलमारी की तरफ बढ़ गई । उसने अपने हाथ वो बेल्ट उठाई और फिर वापस उस लड़की के पास आ गई । उसने बेल्ट के फीते को अपने हाथ में लपेटते हुए उस लड़की की तरफ देखकर कहा ," लगता है आजकल इशानी मैडम के कुछ ज्यादा ही पंख निकल आए है । रुको अभी तुम्हारे पंखों को तोड़कर तुम्हे जमीन पर पटकती हु ।" ये सुनते ही वो लड़की जिसका नाम इशानी था। उसने आंखे खोलकर तुरंत रिया को देखा ओर उसके हाथ में बेल्ट देखकर उसका चेहरा डर से पीला पड़ गया । वो अपनी जगह से पीछे खिसकते हुए रुंधी आवाज में बोली ,"मैम ये आप क्या कर रही है ? प्लीज मुझे इससे मत मारना। मैं प्रेगनेट हु ओर अगर आपने मुझे मारा तो फिर त्रियांश सर आपको नहीं छोड़ेंगे ।" ये कहते हुए वो सहमी हुई नजरो से रिया के हाथ में पकड़े बेल्ट को देख रही थी । ये सुनते ही रिया एक पल के लिए रुक गई लेकिन दूसरे ही पल उसने जोर से हंसते हुए कहा ," हा हा तुम्हे क्या लगा ? मैं इतनी बेवकूफ हूं जो त्रियांश राठौर के बच्चे को मारने की सोचूंगी । यू नो व्हाट इशानी तुम इतनी बेवकूफ हो कि कभी किसी को समझ ही नहीं पाती हो  । त्रियांश को सिर्फ तुमसे ये बच्चा चाहिए जो तुम्हारे पेट में है और मुझे त्रियांश ओर त्रियांश को पाने के लिए मेरी चाबी बनेगा तुम्हारा बच्चा क्योंकि एक बच्चे को मां की जरूरत होती है और इसकी मां बनूंगी मैं बट डोंट वरी मैं तुम्हारे इस बच्चे को ज्यादा दिन नहीं संभालुंगी! बस एक बार मेरी शादी त्रियांश से हो जाए उसके बाद देखना मैं इस बच्चे को कैसे इस दुनिया से अलविदा करती हु और वो भी बेदर्दी से इसका मौत का सेज सजाकर ।" ये कहकर वो जोर से हसने लगी । वही उसकी बात सुनकर इशानी की आंखे आंसुओ से डगमगा गई ओर उसका एक हाथ अपने पेट पर आ गया । इशानी टू मंथ्स प्रेगनेट थी और इसके पेट में पलने वाला बच्चा एशिया के नंबर वन बिजनेस टायकून त्रियांश राठौर का था । त्रियांश ओर रिया अभी एक दूसरे को डेट कर रहे है । रिया त्रियांश की गर्लफ्रेंड थी और वो जल्द ही शादी करने वाले थे लेकिन उनके बीच में इशानी गई। त्रियांश नशे की हालत में इशानी से  हो गया था और उसके बाद इशानी के प्रगनेट होने की न्यूज उसे पता चली । इसलिए उसने इशानी से एक साल के लिए कॉन्ट्रेक्ट मैरिज कर ली । इशानी की डिलीवरी के बाद उसका बच्चा त्रियांश का हो जाएगा ओर उसे हमेशा के लिए अपने बच्चे को छोड़कर इंडिया से बाहर जाना होगा ।" ये उनके कॉन्ट्रेक्ट की सबसे मेन शर्त थी । इशानी के पास इस शर्त को मानने के अलावा ओर कोई ऑप्शन नहीं था । वो एक अनाथ लड़की थी जो त्रियांश जैसे अमीर आदमी का सामना नहीं कर सकती है इसलिए इशानी ने त्रियांश की शर्त मान ली थी। इशानी पिछले दो महीने से इसी कमरे में बंद है। उसका खाना, ट्रीटमेंट दवाइयां सबकुछ इसी कमरे में आते है लेकिन ये सब त्रियांश के सामने होता है वाली उसके ऑफिस जाने के बाद इशानी से पूरे घर का काम करवाया जाता है और छोटी सी गलती करने पर भी सब उस पर हाथ उठा देते है । त्रियांश ने इशानी के बदन पर चोटों के निशान देखे थे लेकिन उसे उनसे कोई फर्क नहीं पड़ा और नहीं उसने कभी इशानी से पूछा कि ये सब किसने किया है। ?  चलिए अब आते है कहानी पर रिया हंसते हुए अपने हाथ में बेल्ट की नोक को लपेट रही थी । उसके कदम लगातार इशानी की तरफ बढ़ रहे थे और तभी अचानक उस पुरे कमरे में इशानी की चीख गूंज उठी । इशानी पेट के बल फर्श पर लेटी हुई थी वहीं रिया बेदर्दो की तरह उसकी पीठ पर बेल्ट से मार रही थी।  इशानी की दर्द भरी चीखे सुनकर रिया ने जोर से हंसते हुए कहा ," ओर चीखों इशानी तुम्हारी चीखे मेरे कानो को पियानो की धुन की तरह सुकून दे रही है ।" ये कहते हुए वो ओर ज्यादा जोर से इशानी की पीठ पर बेल्ट से मारने लगी। इधर लिविंग हॉल में बैठी एक औरत जिसने महंगी बनारसी साड़ी पहनी थी । उसने ऊपर से नीचे महंगी ज्वेलरी और भर भरके मेकअप किया हुआ था । वो अपने हाथ में मौजूद आई पैड की स्क्रीन को देखते हुए कॉफी पी रही थी लेकिन तभी उसके कानो में इशानी के चीखों की आवाज पड़ी । जिसे सुनते ही उसके मुंह की कॉफी एकदम से मुंह से बाहर आ गई ओर उसने तुंरत उस डायरेक्शन में देखा जहा से चीखने की आवाज आ रही थी । " ये लड़की अब क्या कर रही है ? त्रियांश के आने का वक्त हो गया है और ये लड़की अब उस मनहूश को मार रही है । अगर त्रियांश ने देख लिया तो पता नहीं रिया के साथ क्या करेगा ? मुझे रोकना वरना वरना इतने दिनो की मेहनत बर्बाद हो जाएगी ।" ये कहते हुए उसने टिश्यू से अपना मुंह पर अपनी साड़ी पर गिरे कुछ कॉफी के छींटों को दूर किया ओर जल्दी से खड़ी होकर उस रूम की तरफ बढ़ गई जहां से इशानी के चीखने की आवाज आ रही थी । वो औरत जो त्रियांश की बुआ मिसेज अद्विका रायचंद थी ,वो जल्दी से इशानी के कमरे में आई ओर सामने का नजारा देखकर उसके कदम वही रुक गए । सामने इशानी अधमरी हालत में बेजान सी फर्श पर पड़ी हुई थी। उसने सिंपल से साड़ी पहनी थी। उसका पल्लू पीछे से सरक गया था और उसका ब्लाउज भी रिया के मारने से फट चुका था जिससे उसकी पूरी गोरी पीठ खून के लाल रंग से सन चुकी थी । इशानी की पूरी पीठ पर बेल्ट के निशान छप चुके थे और उनमें से खून रिस रहा था ।इशानी की आंखे ऑलमोस्ट बंद हो चुकी थी । तभी रिया ने एक बार फिर इशानी को मारने के लिए अपना हाथ ऊपर की तरफ उठाया लेकिन तभी पीछे से किसी ने बेल्ट को पकड़ लिया । रिया के हाथ रुक गए ओर अचानक ही उसका चेहरा डर से पीला पड़ गया । " त्रियांश " रिया ने कांपती हुई आवाज में कहा ओर फिर हल्का सा सर घुमा अपने पीछे खड़े शख्स को देखा जो अद्विका थी । आध्विका को देखकर एक पल के लिए रिया चौंक गई लेकिन दूसरे ही पल उसने एक राहत की सांस लेते हुए कहा ," थैंक गॉड बुआ आप थी वरना मुझे लगा कि त्रियांश है ।" तभी अद्विका ने उसकी बात बीच में काटते हुए गुस्से से कहा ," ये तुम क्या कर रही थी रिया ? तुम्हे पता है ना इशानी प्रेगनेट है और अगर तुम्हारी वजह से उसके बच्चे को कुछ हो गया तो त्रियांश तुम्हे जिंदा नहीं छोड़ेगा। इशानी को अभी अभी थर्ड मंथ्स शुरू हुआ है और ऐसे में उसका मिस्केरेज भी हो सकता है । मैने तुमसे कितनी बार कहा है कि एक बार इस मनहूस की डिलीवरी हो जाने दो इसके बाद तुम्हे इसके साथ जो करना है कर लेना लेकिन अभी कुछ मत करो ।" ये कहते हुए उसने रिया के हाथ से बेल्ट छीनकर नीचे फेंक दिया और इशानी की तरफ देखने लगी । उनकी बात सुनकर रिया ने बोरियत भरे लहजे में कहा ," इसके बच्चे को कुछ नहीं होगा ।ये बच्चा भी इसी की तरह ढीठ है जो इतनी आसानी से मेरा पीछा नहीं छोड़ने वाला है ।" ये सुनते ही अद्विका ने गुस्से से उसे देखते हुए दांत पिसकर कहा ," तुम्हे समझाने का कोई फायदा नहीं है । तुम चलो यहां से त्रियांश आता ही होगा ।अगर उसने तुम्हे यहां देख लिया ना तो लेने के देने पड़ जाएंगे ।" ये कहते हुए वो रिया को जबरदस्ती अपने साथ खींचते हुए बाहर ले गई ओर इशानी के कमरे का दरवाजा बाहर से बंद कर दिया । एक बार फिर इशानी का कमरा उसकी जिंदगी की तरह गहरे अंधेरे में डूब गया ।    इशानी अपनी धुंधली आंखों से चुपचाप सामने की वॉल की तरफ देख रही जहा एक छोटी सी मातारानी की मूर्ति वॉल में लगे पत्थर पर रखी हुई थी । हालांकि कमरे में अंधेरा था जिससे कुछ भी क्लियर नजर नहीं आ रहा था लेकिन इशानी पिछले दो महीने से इसी अंधेरे कमरे में रह रही थी इसलिए उसे इस अंधेरे में देखने की आदत हो चुकी थी । इशानी की नजरे मातारानी की मूर्ति पर ठहरी हुई थी । वो उनसे बहुत कुछ कहना चाहती थी , बहुत सी शिकायतें करने चाहती थी लेकिन उसमें इतनी हिम्मत नहीं थी कि वो कुछ भी बोल सके।  उसकी आंखों के कोनो से आंसू बहते हुए फर्श पर गिर रहे थे । कुछ देर बाद इशानी बहुत मुश्किल से खुद को संभालकर खड़ी हुई और लड़खड़ाते कदमों से वॉशरूम में चली गई ।उसके आंसू सुख चुके थे और चेहरे पर कोई इमोशन नहीं थे । इशानी वॉशरूम में मिरर के सामने खड़ी चुपचाप खुद के अक्ष को देख रही थी । उसकी खूबसूरत आंखों के नीचे बड़े बड़े काले गड्ढे थे। गालों पर थप्पड़ के निशान और वो बहुत दुबली पतली सी थी । खुद को देखते हुए इशानी की आंखों में फिर से आंसू छलक आए उसने अपने पेट पर अपना एक हाथ रखकर रुंधे गले से कहा ," बेबी प्लीज मुझे माफ कर देना।  मैं आपको इन सबसे नहीं बचा पा रही हु लेकिन मैं आपको इन जालिमों के पास नहीं रहने दूंगी फिर चाहे मुझे खुद को खत्म ही क्यों नहीं करना पड़े ? अगर आप इन सबके पास रहे तो ये सब आपको भी नहीं जीने देंगे इससे अच्छा आप इस दुनिया में आओ ही नहीं ।" ये कहते हुए उसके गालों पर आंसुओ की बूंदे लुढ़क आई । क्या करने वाली है इशानी ? क्या वो सच में खुद के बच्चे को खत्म कर देगी या फिर एक बार फिर वो इस दलदल में फंस जाएगी । जानने के लिए पढ़ते रहिए   

    Teena Shekhawat
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  • First nightFirst night

    First night

    अविरा ने कुछ पल युवांश की बंद पलको को देखा ओर फिर अपनी आंखे बंद करके उसका रिस्पॉन्स देना शुरू कर दिया। युवांश ने उसके अप्पर लिप को अपने होंठो के बीच दबाया और उसे सक करना शुरू कर दिया । अविरा के दिल की धड़कने बुरी तरह शोर कर रही थी । तभी युवांश ने उसके कंधे से उसका दुपट्टा हटा साइड में गिरा दिया और अपना हाथ उसकी कमर पर रख सेंशुअली तरीके से सहलाने लगा । उसकी ठंडी उंगलियों को अपनी कमर पर महसूस करके अविरा का पूरा बदन सिहर उठा । उसने अपना एक हाथ युवांश के बालो में रखा और धीरे धीरे उसके बालो को सहलाने लगी । उन दोनो के होंठ अभी भी जुड़े हुए थे। युवांश का हाथ धीरे धीरे उसके ब्रेस्ट की तरफ बढ़ रहा था।

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